हिम्मत अभी बाकि है
कभी जब गीर जाता हूं तोह,
लगता है उठ नहीं पाऊँगा अब
फिर भी मुस्कुराता हूं
दिखाता हूं की ठीक हूं मैं
भाग नहीं रहा हूं मैं; डरता हूं,
हर शक्स से, हर जगह से
आँखों में हर किसी की सवाल हैं हज़ार
आगे क्या करूँगा, होगा कुछ ?
या कटेगा जीवन बेकार
फिर एक दिन सामना खुद से ही हुआ
तोह पूछ लिया हिम्मत करके
क्या लगता है ??? हो पाएगा तुझ से ???
हो सकता है होगा हो जाएगा
आवाज़ धीमी ही सही
सुनाई अभी भी देती है
उम्मीद अभी भी बाकि है
फर्क नहीं पड़ता मुजहे
अब गीर जाऊं बार बार अगर
उठ जाऊँगा तोह आगे बढ़ने की
हिम्मत अभी बाकि है
हर किसी की अपनी ही एक कहानी है
ख़ुशी की तलाश में घूम रही हर जिंदगानी है
तोह क्या फायदा बता कर
किसी को फसाना अपना
की काटना तुझको ही है
ये रास्ता अपना
तोह इस बार जब दिल टूटे
और नस्सें दिमाग की फटने लगें
हिम्मत टूटे और The End सामने दिखने लगे
उथ जा कि असलि तक़अत अभि बकि है
याद रख बनाया जिसने तुझे उसकि कितब में
कहानी तेरी अभी बाकि है